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गाड़ियों की रफ्तार छोड़ी, खेतों की खुशबू पकड़ी: जानिए तुलसी वाले आलोक पटनायक की inspiring कहानी

तुलसी वाले आलोक पटनायक

जब बात करियर की आती है, तो ज्यादातर युवा शहर की ओर दौड़ लगाते हैं – बड़ी सैलरी, तेज़ लाइफस्टाइल और कॉर्पोरेट कल्चर के सपनों के पीछे। लेकिन ओडिशा के केन्दुझार जिले के आलोक पटनायक ने एक अलग रास्ता चुना। उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर की चमक-दमक छोड़कर खेती-बाड़ी को अपनाया – और आज, वो तुलसी की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं।

यह कहानी सिर्फ एक किसान की नहीं, बल्कि उस सोच की है जो कहती है – “अगर इरादे पक्के हों, तो मिट्टी भी सोना उगलती है।”


🌱 गांव की ओर वापसी – एक नया आग़ाज़

कोरोना महामारी ने जब पूरी दुनिया को घरों में बंद कर दिया था, तब आलोक ने खुद से एक सवाल पूछा – “क्या शहर की भागदौड़ में सुकून है?”
जवाब मिला – “नहीं”। और फिर उन्होंने लिया एक बड़ा फैसला – गांव लौटने का

साल 2021 में आलोक ने केले की खेती में हाथ आजमाया, लेकिन तकनीकी जानकारी की कमी से ये प्रोजेक्ट असफल हो गया। पर उन्होंने हार नहीं मानी।


🌿 सुगंध की ओर रुख – जब तुलसी बनी उम्मीद की किरण

केले के बाद उन्होंने एरोमेटिक फसलों (सुगंधित फसलों) की ओर रुख किया – लेमनग्रास, पामारोज़ा, तुलसी जैसी फसलें उगाईं। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा फायदा और संतोष मिला तुलसी की खेती से।

तुलसी सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर एक बहुपयोगी जड़ी-बूटी है। दवा कंपनियों से लेकर फूड इंडस्ट्री तक में इसकी ज़बरदस्त मांग है – देश में भी और विदेशों में भी।


📚 तकनीक ने खोले सफलता के दरवाज़े

शुरुआत में आलोक को नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि तुलसी की कटिंग कब करनी है, तेल कैसे निकलेगा, फसल को कितना सुखाना है…
तब उन्होंने सीखा कि बिना तकनीकी ज्ञान के खेती में सफलता मुश्किल है।

आलोक सीधे पहुंचे लखनऊ स्थित सीएसआईआर-सीमैप (CIMAP) – और वहां से ट्रेनिंग लेकर वापस लौटे।
2023 में उन्होंने नई शुरुआत की — और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।


🌾 आज की स्थिति – 70 एकड़ में तुलसी की खेती, 50 लाख+ टर्नओवर

आज आलोक के पास खुद की 6 एकड़ ज़मीन है और 100 एकड़ ज़मीन आदिवासियों से लीज़ पर लेकर वो खेती कर रहे हैं।
उनकी तुलसी की खेती अब 70 एकड़ में फैल चुकी है और टर्नओवर 50 लाख रुपये से ज़्यादा हो चुका है।


👨‍🌾 कमाई ही नहीं, गांव को भी मिला रोजगार

आलोक ने केवल अपनी ज़िंदगी नहीं संवारी, उन्होंने आसपास के लोगों को भी रोज़गार दिया है।
उन्होंने एक FPO (किसान उत्पादक संगठन) बनाया, जिसमें 560 किसान जुड़े हैं – जिनमें से 120 किसान तुलसी की खेती करते हैं।

इन किसानों की आमदनी पर क्या फर्क पड़ा?
👉 पहले जहां धान या गेहूं से 20-30 हजार रुपये ही मिलते थे, अब तुलसी से 3-4 लाख रुपये प्रति एकड़ की कमाई हो रही है।


🌍 मुंबई से थाईलैंड तक – तुलसी की गूंज

FPO के ज़रिए आज आलोक और उनके किसान साथी तुलसी के तेल और उत्पादों को देशभर में – मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद तक सप्लाई कर रहे हैं।
इतना ही नहीं, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे देशों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं।


♻️ जैविक खेती, टिकाऊ सोच

आलोक सिर्फ़ कमाई नहीं देखते, वे सस्टेनेबल फार्मिंग पर ज़ोर देते हैं।
वो अपनी ज़मीन में गाय, बकरी और मुर्गी की खाद का इस्तेमाल करते हैं — जिससे ज़मीन की उर्वरता बनी रहती है और फसल की क्वालिटी भी बेहतर होती है।


कहानी का सार:

आलोक पटनायक की कहानी इस बात का उदाहरण है कि अगर सही सोच, सही दिशा और थोड़ी सी सीख हो – तो कोई भी आधुनिक किसान बन सकता है।
खेती अब सिर्फ मिट्टी में काम करना नहीं, बल्कि नॉलेज, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का मेल है।


तो अगली बार जब कोई कहे कि खेती में कुछ नहीं रखा — बस, आलोक पटनायक का नाम याद कर लेना।

🔖 मुख्य बिंदु (Quick Highlights)

तथ्यविवरण
किसान का नामआलोक पटनायक
स्थानकेन्दुझार, ओडिशा
मुख्य फसलतुलसी
जमीन70 एकड़ (6 अपनी, 100 एकड़ लीज़)
टर्नओवर₹50 लाख+
टेक्निकल ट्रेनिंगसीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ
जुड़े किसान560 (120 तुलसी उत्पादक)
एक्सपोर्टइंडोनेशिया, थाईलैंड

Tips for Tulsi Farming – शुरुआती किसानों के लिए सुझाव

  1. सही वैरायटी चुनें: सौम्या, शिशिर, या सुभाष वैरायटी तुलसी के लिए उत्तम हैं।
  2. कटिंग का ध्यान रखें: गर्मियों में हर 2 महीने और सर्दियों में हर 3 महीने में कटिंग करें।
  3. तेल निकालने की तकनीक सीखें: अच्छी क्वालिटी के लिए डिस्टिलेशन प्रोसेस समझना ज़रूरी है।
  4. सिंचाई और खाद जैविक रखें: गोबर, बकरी व मुर्गी की खाद से ज़मीन उपजाऊ बनी रहती है।
  5. एफपीओ से जुड़ें: मार्केटिंग और सप्लाई चेन में मदद मिलती है।

🌍 बाजार और आय के अवसर


📦 Call to Action: क्या आप भी तुलसी की खेती शुरू करना चाहते हैं?

👉 अगर आप एक किसान हैं जो खेती में कुछ नया और मुनाफेदार करना चाहते हैं, तो तुलसी की खेती आपके लिए बढ़िया विकल्प है।
👉 सीमैप जैसे संस्थानों से प्रशिक्षण लें, एफपीओ से जुड़ें और आलोक जैसे सफल किसानों से सीखें।

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