
भारत भूमि प्राकृतिक वनस्पतियों से भरपूर है। यहाँ की खेती योग्य भूमि के साथ-साथ जंगलों में भी ऐसी अनेक सब्जियाँ पाई जाती हैं जो पोषण से भरपूर होती हैं लेकिन आम बाजारों में कम दिखाई देती हैं। इनमें से कुछ सब्जियाँ जैसे कुंद्रू और ककोड़ा, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की शान हैं। आज के ब्लॉग में हम इन जंगली सब्जियों के पोषक तत्व, उनके लाभ और अन्य दुर्लभ भारतीय सब्जियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
आज के समय मैं आपने देखा होगा कि विदेशी लोग हमारे दैनिक जीवन की प्रक्रियाओं को अपनाने लगे हैं जैसे योग और अंकुरित अनाज और तेल का तला हुआ खाना न खाकर सात्विक भोजन ग्रहण करना। यह बहुत बड़ा बदलाव है और हमें भी इस पर अमल करना चाहिए।
हम भारतीय भले ही तकनीकी में पीछे हैं। लेकिन जो हमारे पूर्वज थे वह तकनीकी में अमेरिका से भी आगे थे। क्योंकि उन्हें मालूम था क्या खाना चाहिए और कैसे जीवन यापन करना चाहिए? आदिवासी समुदाय इन सब्जियों को पीढ़ियों से उपयोग में लेते आ रहे हैं वे न सिर्फ इनका स्वाद जानते हैं बल्कि जड़ी बूटी जैसे औषधि उपयोग भी l अब समय है कि हम भी इस पारंपरिक ज्ञान को आगे अपनाए और बाजार में उपलब्ध पोषक तत्वों से भरी इंसान जंगली सब्जियों का उपयोग करें। और इसका एक दूसरा फायदा भी होगा कि आदिवासी भाइयों को उनका रोजगार भी मिलेगा। जिससे वह कुछ धन अर्जित करके अपने जीवन यापन कर सके।
वैसे तो आप लोगों ने कुछ सब्जियों बाजार में देखी होगी जिनमें से कनकोड़ा और परवल है, नीचे कुछ सब्जियों दी गई है जो प्रोटीन फाइबर एंटीऑक्सीडेंट एंटी इन्फ्लेमेटरी मैग्नीशियम फॉस्फोरस पोटेशियम आदि से भरपूर है। यह सब्जियां पाचन में सहायक, रक्त शुद्धीकरण, इम्यूनिटी बूस्टर, हृदय रोगों से सुरक्षा, मधुमेह में, हाथ पैरों में दर्द, पेट दर्द, बुखार आदि में कारगर सिद्ध होती है।
नीचे मैंने टेबल बनाकर सब्जी का नाम वह किस क्षेत्र में पाई जाती है तथा उसका लाभ लिखा हुआ है।
क्रमांक | जंगली सब्जी | पाए जाने का स्थान | विशेष लाभ | |
1. | लटजीरा | झारखंड, छत्तीसगढ़ | शरीर की सूजन कम करता है | |
2. | जुंगली मैथी / बथुआ | उत्तर भारत | कब्ज और पाचन में लाभ | |
3. | जिमीकंद (Yam) | पूर्वी भारत, यूपी, बिहार | कब्ज दूर करता है, शक्ति देता है | |
4. | चोलाई (Red Amaranth) | पूरे भारत में | खून बढ़ाने में सहायक | |
5. | बथुआ (Bathua) | पंजाब, हरियाणा, उत्तर भारत | आयरन और कैल्शियम से भरपूर | |
6. | फोड़शी (Phodshi) | महाराष्ट्र, गोवा | त्वचा और पाचन के लिए लाभदायक | |
7. | घुइंया के पत्ते (Colocasia leaves) | पूरे भारत में | आयरन, कैल्शियम | |
8. | चकुंदर का साग (जंगली बीटरूट लीफ) | उत्तर पूर्व भारत | खून की कमी में लाभ | |
9. | बन करेला | झारखंड, मध्य प्रदेश | रक्त शुद्धि, मधुमेह में लाभकारी | |
10. | कुलफा (Purslane) | पूरे भारत में बरसात में | ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन A, C | |
11. | पिटवां / जंगल झिंझी | छत्तीसगढ़ | बुखार, पेट दर्द में फायदेमंद | |
12. | लिंगड़ा (Fiddlehead Fern) | हिमाचल, उत्तराखंड, झारखंड | एंटीऑक्सीडेंट, हाई फाइबर | |
13. | कुंदरू के फूल (Tendli Flower) | महाराष्ट्र, गुजरात | खून की सफाई में सहायक |
🥗 सामान्य गुण इन सब्जियों में:
- फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
- प्राकृतिक रूप से ऑर्गेनिक होती हैं
- स्थानीय हर्बल उपचारों में उपयोग
- इम्युनिटी और पाचन तंत्र में सुधार